प्रकाशन
विद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों की स्वरचित हिंदी कविताओं को संकलित कर ‘सृजन’ नाम से एक लघु संग्रह तैयार किया गया । इसमें अहिंदीभाषी शिक्षकों ने भी योगदान दिया। मानानीय संसदीय राजभाषा समिति की पहली उपसमिति द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान समिति द्वारा इसकी सराहना की गई ।